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उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ नई दिल्ली में शांतिगिरि आश्रम के रजत जयंती मन्दिर का लोकार्पण करेंगे;

 उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना समारोह का उद्घाटन करेंगे।

“Manju”

नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ 20 नवंबर, सोमवार , को शाम 5 बजे दक्षिणी दिल्ली के साकेत में शांतिगिरि आश्रम के नवनिर्मित रजत जयंती मंदिर का लोकार्पण करेंगे।  सांसद अनिल जैन समारोह की अध्यक्षता करेंगे और सांसद शशि थरूर मुख्य भाषण देंगे।  सुप्रसिद्ध गोकुलम समूह के अध्यक्ष गोकुलम गोपालन मुख्य अतिथि होंगे।  शांतिगिरि आश्रम के अध्यक्ष स्वामी चैतन्य ज्ञान तपस्वी और महासचिव स्वामी गुरुरत्नम ज्ञान तपस्वी इस अवसर पर उपस्थित होंगे।

 

12,000 वर्ग फुट के सिल्वर जुबली कॉम्प्लेक्स में भूतल पर प्रार्थनालय, पहली मंजिल पर कौशल विकास प्रशिक्षण केंद्र, दूसरी मंजिल पर योग कल्याण और तीसरी मंजिल पर एकीकृत आयुष उपचार केंद्र होंगे।

राष्ट्रीय राजधानी में शांतिगिरि आश्रम के 25 वर्षों की गतिविधियों के स्मरणोत्सव में कई समारोह आयोजित किए जाएंगे। दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना 17 नवंबर, शुक्रवार,को शाम 5 बजे एक-वर्षीय रजत जयंती समारोह का उद्घाटन करेंगे।  केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन समारोह की अध्यक्षता करेंगे। सांसद एवं भूतपूर्व केंद्र मंत्री डॉ. महेश शर्मा भी समारोह में उपस्थित होंगे।

एशियन एकेडमी फॉर फिल्म एंड टेलीविजन के अध्यक्ष संदीप मारवाह, ऑल इंडिया मलयाली एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष बाबू पणिक्कर, राजनीतिक पर्यवेक्षक और फ्लैग कम्युनिकेशंस के प्रबंध निदेशक पी. के. दीपू नांबियार, मध्य पूर्व विश्वविद्यालय के डीन डॉ. जी.आर. किरण, जननी शालिनी ज्ञान तपस्विनी, दिल्ली मलयाली एसोसिएशन के अध्यक्ष रघुनाथ के., पुष्पविहार धर्मशाला के महासचिव एम. पी. सुरेश, आश्रम के संचार अनुभाग सलाहकार सबीर तिरुमाला भी भाग लेंगे।

केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के सहयोग से 17 और 18 नवंबर को दिल्ली के जे.एन.यू. में “भारत की ज्ञान परंपरा – धर्म और शान्तिगिरि परंपरा” विषय पर दो दिवसीय सेमिनार आयोजित किया जाएगा। सेमिनार का उद्घाटन पद्मविभूषण डॉ. सोनल मानसिंह करेंगी।  केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर श्रीनिवास वरखेड़ी, गुजरात विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर नीरज गुप्ता, पूर्व सांसद पद्म भूषण प्रोफेसर मृणाल मिरी और देश के विभिन्न हिस्सों से शिक्षा, संस्कृति और अनुसंधान के क्षेत्रों के अन्य प्रोफेसर भाग लेंगे।

रजत जयंती मंदिर में दीप-प्रज्ज्वलन 19 नवंबर, रविवार, को आश्रम गुरुस्थानीय अभिवन्द्या शिष्यपूजिता अमृता ज्ञान तपस्विनी द्वारा किया जाएगा।  अभिवन्द्या शिष्यपूजिता 16 नवंबर, गुरुवार, को दोपहर 3 बजे दिल्ली पहुंचेंगी। हवाई अड्डे पर संन्यासियों और भक्तों द्वारा उनका स्वागत किया जाएगा।  दिल्ली की तीर्थयात्रा के दौरान शिष्यपूजिता के साथ संन्यासी, संन्यासिनी और ब्रह्मचारिन सहित लगभग 300 लोग होंगे।

शान्तिगिरि आश्रम के संस्थापक गुरु, नवज्योति श्रीकरुणाकर गुरु, के भौतिक प्रस्थान के बाद शिष्यपूजिता अमृता ज्ञान तपस्विनी शांतिगिरि गुरु परंपरा का मार्गदर्शन कर रही हैं। केवल महत्वपूर्ण अवसरों पर ही वह तिरुवनंतपुरम, केरल, में पोत्तनकोड-स्थित आश्रम से तीर्थयात्रा के लिए बाहर जातीं हैं।  गुरुस्थानीय शिष्यपूजिता दूसरी बार नई दिल्ली के साकेत, पुष्पविहार, स्थित शांतिगिरि आश्रम का दौरा कर रही हैं। लगभग 14 साल पहले 2009 में वह यहां पहली बार आईं थीं।

19 नवंबर को सुबह 9 बजे, शिष्यपूजिता गुरु मंत्र के अखंड जाप के बीच प्रार्थनापूर्ण माहौल में प्रार्थना कक्ष में ‘ओंकारम्’ की प्रतिष्ठा स्थापित करेंगी। शांतिगिरि सिल्वर जुबली परिसर में स्थित यह प्रार्थनालय विश्व शांति के लिए एक प्रार्थना केंद्र होगा जहां जाति, धर्म, वर्ग, वर्ण के भेदभाव के परे कोई भी आ सकता है।  उसी दिन दोपहर 12 बजे होने वाली आम सभा में राजनीतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक क्षेत्रों के विशिष्ट लोग भाग लेंगे।  शाम 6 बजे दीप प्रदक्षिणा होगी।  नवंबर 17-20 के दौरान दैनिक सत्संग, फ्यूजन संगीत और विभिन्न कला और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन शाम 6 बजे से 8 बजे तक किया जाएगा।

शान्तिगिरि आश्रम ने 1998 में दिल्ली में अपनी गतिविधियाँ शुरू की थीं। गुरु के चार भक्तों के द्वारा शुरु किए गए प्रयासों से दिल्ली में शांतिगिरि आयुर्वेद सिद्ध अस्पताल की स्थापना की गई ।  रजत जयंती मंदिर का निर्माण 2002 में शुरु किया गया था।  पूर्व राष्ट्रपति के.आर. नारायणन, जो कि आश्रम के करीबी शुभ चिंतक थे, की इच्छा भी रजत जयंती मंदिर के समर्पण के साथ पूरी हो रही है।  2009 में, गुरुस्तानीय शिष्यपूजिता की तीर्थयात्रा के दौरान, गतिविधियाँ अधिक ऊर्जावान हो गईं। पिछले चौदह वर्षों में, आयुर्वेद, सिद्ध, योग, व्यावसायिक कौशल, महिला शक्तिकरण आदि विभिन्न क्षेत्रों में आश्रम की गतिविधियाँ पूरे उत्तर भारत में फैल गई हैं।. इन दिनों में 10000 लोगों को भोजन दिया जाएगा।.

देश के विभिन्न हिस्सों से गुरु भक्तों के आगमन के साथ, गुरुस्थानीय शिष्य पूजिता के स्वागत के लिए दिल्ली के उपाश्रम में बड़े पैमाने पर तैयारी शुरू हो गई है। आश्रम हेड स्वामी भक्तदतन ज्ञाना थापस्वि, डॉ. जी.आर किरण, डॉ. किरण एस., रंजीत देवराज और अर्चना देवराज ने जानकारी दी।.

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