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नवज्योति श्रीकरुणाकर गुरु की शिक्षाएँ आध्यात्म में एक नई रोशनी – राज्यपाल

“Manju”

पोत्तनकोड: केरल राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि नवज्योति श्रीकरुणाकर गुरु का जीवन और शिक्षाएं भारत की महान आध्यात्मिक विरासत की याद दिलाती हैं। गुरु की शिक्षाएँ इस युग में आध्यात्मिकता की एक नई किरण बनकर खड़ी हैं। श्री खान ने शान्तिगिरि आश्रम में 25वें नव ओली ज्योतिर्दिनम समारोह का उद्घाटन करते हुए कहा कि शान्तिगिरि शांति और प्रेम का मंदिर है।

उन्होंने मलयालम में अपना भाषण यह कहकर शुरू किया कि इस आश्रम की आत्मा गुरु के शब्द हैं: ‘शब्द सत्य है, सत्य गुरु है, गुरु भगवान है।’

गुरु ने लोगों को जाति, धर्म और रंग के भेदभाव से परे मानवता की एकता का एहसास करना सिखाया। यह महसूस करते हुए कि शरीर आत्मा की गतिविधि का साधन है, गुरु ने मानव समाज पर ध्यान केंद्रित किया। गुरु की आध्यात्मिकता मानव कल्याण पर आधारित थी। गुरु ने सबसे पहले भूखे को भोजन, शरीर को आरोग्य और आत्मा को मानसिक शांति दी। जो लोग उनसे मिलने आते थे वे उनसे पूछते थे, ‘क्या तुमने खाना खाया?’ राज्यपाल ने टिप्पणी की कि शान्तिगिरि आश्रम और उसके उपाश्रम अन्नदानम, आतुरसेवनम और आत्म-ज्ञान की महानता के साथ काम कर रहे हैं।. राज्यपाल सुबह 11 बजे आश्रम पहुंचे, प्रार्थना कक्ष में प्रार्थना की और कमल पर्णशाला में फूल चढ़ाए।

खाद्य मंत्री जी.आर. अनिल सम्मेलन के अध्यक्ष थे। उन्होंने कहा कि देश की समृद्ध आध्यात्मिक परंपरा रही है। नवज्योति श्रीकरुणाकर गुरु ने दिखाया कि समाज में मौजूद विभिन्न समस्याओं को हल करने के लिए तपस का मार्ग सार्थक है। मंत्री ने कहा कि शान्तिगिरि का मिशन देश को जाति और धर्म से परे मानव जाति की भलाई के उद्देश्य से गतिविधियों की ओर आगे बढ़ाना है।

बैठक में विधायक एम. विंसेंट, आश्रम अध्यक्ष स्वामी चैतन्य ज्ञान तपस्वी, महासचिव स्वामी गुरुरत्नम ज्ञान तपस्वी और जननी कृपा ज्ञान तपस्विनी भी उपस्थित थे।

सुबह पांच बजे विशेष पुष्पांजलि के साथ 25वें नव ओली ज्योतिर्दिनम के कर्म शुरू हुए। संन्यास संघ और गुरु द्वारा नियुक्त गृहस्थाश्रमियों द्वारा विशेष पुष्पांजलि की गई। आश्रम ध्वज आरोहण के बाद कमल पर्णशाला में पुष्प समर्पण किया गया। गुरु दर्शन और गुरु को विभिन्न समर्पणों के बाद, हज़ारों लोगों ने अन्नदानम में भाग लिया। शाम को दीप प्रदक्षिणा एवं रात नौ बजे संन्यासी संघ द्वारा विशेष पुष्पांजलि की गई।

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