पोत्तनकोड: शान्तिगिरि आश्रम के संस्थापक नवज्योति श्रीकरुणाकर गुरु के नव ओली ज्योतिर्दिनम की 25वीं वर्षगांठ पर एक बार फिर उन रास्तों पर यात्रा की जाएगी जहां गुरु ने जीवन में अवधूत मार्ग चुना और कड़े तपस में समय बिताया।
शान्तिगिरि आत्म विद्यालय के तत्वावधान में, ‘शान्तिगिरि अवधूत यात्रा’ 1 से 4 मई तक आयोजित की जा रही है।
आध्यात्मिक अनुभूति, ज्ञान और अनुभव के लिए शिष्यों के आत्म-समर्पण के रूप में गुरु के निस्वार्थ जीवन के पद चिन्हों में यह महत्वपूर्ण यात्रा तय की जाएगी।
अवधूत यात्रा 1 मई की सुबह गुरु के जन्मस्थल चंदिरूर से शुरू होगी और कन्याकुमारी का दौरा करने के बाद 4 मई को केंद्रीय आश्रम पोत्तनकोड पहुंचेगी। अवधूत यात्रा पच्चीस यज्ञभूमिकाओं से होकर गुज़रेगी जिन्होंने गुरु के आध्यात्मिक जीवन में असंख्य अनुभव प्रदान किए हैं।
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