जो लोग गुरु के मार्ग पर चलते हैं उन्हें गुरु के साधन के रूप में कार्य करना चाहिए – जननी सुपथा ज्ञान तपस्विनी
पोत्तनकोड: जननी सुपथा ज्ञान तपस्विनी ने कहा कि जो लोग गुरु के मार्ग पर चलते हैं उन्हें गुरु के साधन के रूप में कार्य करना चाहिए। शिक्षा, धन या प्रसिद्धि नहीं बल्कि दृढ़ प्रेम और विश्वास एक शिष्य के लिए आवश्यक गुण हैं। कल (मंगलवार 17-10-2023) रात्रि 8 बजे जननी संन्यास दीक्षा वर्षगांठ के अवसर पर आश्रम के आध्यात्मिक क्षेत्र सभागार में आयोजित सत्संग में मुख्य भाषण दे रहीं थीं।
गुरु हमारे लिए और दुनिया के लिए जिए। आज का आश्रम गुरु की पीड़ा, प्रार्थना, विचार और कर्म का परिणाम है। कला एवं संस्कृति विभाग की प्रमुख जननी सुपथा ज्ञान तपस्विनी ने सत्संग में अपने त्यागमय अनुभव साझा किये। जननी ने सुझाव दिया कि व्यक्ति को हमेशा प्रार्थना करनी चाहिए और गुरुरूप को ध्यान में रखकर ही सब कुछ करना चाहिए।
महासचिव कार्यालय के वरिष्ठ महाप्रबंधक डी. प्रदीप कुमार ने 39वें सन्यास दीक्षा वर्षगाँठ के सिलसिले में तीसरे दिन के सत्संग का स्वागत किया। मातृमंडलम संचालन समिति की अतिरिक्त महासंयोजक डॉ. एन. जयश्री ने सत्संग में धन्यवाद भाषण दिया। कंजमपारा इकाई से रत्नम्मा ने आश्रम और गुरु के साथ अपने अनुभव साझा करते हुए बात की।