LatestThiruvananthapuram

भक्ति और प्रेम से भरा हुआ साकेत।

“Manju”

साकेत (नई दिल्ली): रजत जयंती समारोह में भाग लेने आए गुरु भक्त एक-दूसरे के साथ भक्ति और प्रेम के अनूठे पल साझा करते हैं।पोथनकोट शांतिगिरि आश्रम और आश्रम शाखाओं से संन्यासी संन्यासियों, ब्रह्मचारी ब्रह्मचारियों और भक्तों के आगमन से साकेत आश्रम एक छोटा सा केरल बन गया। सुबह नाश्ता में डोसा,चमन्ती और सांभर,दोपहर में चावल, पापड़ और मेझुक्कुपुरत्ती, उत्तर भारतीयों के लिए फ्राइड राइस, शाम को चपाती और करी वैकल्पिक चाय और बिस्कुट आगंतुकों के मन को भर देते हैं। “क्या भाई…”, “कैसे हो ..”,”क्या हो गया है…”, “ये… क्या है… भाई…” जैसे पुकारना मलयाली की सहज सीख है।एक-दूसरे का चेहरा देखकर हंस रहे हैं और पूछ रहे हैं कि क्या हर जगह हिंदी बोली जा रही है.. ये केरल है या दिल्ली? पुष्पांजलि काउंटर, भोजन काउंटर, ममेन्टो काउंटर, हेल्प डेस्क, मेडिकल पोस्ट, पानीपुरी काउंटर और विश्राम क्षेत्र बहुत से लोगों को आकर्षित करते हैं।
दोपहर 2.30 बजे गुरुस्थानिया पहुंचेंगे। गुरु का सभी को बेसब्री से इंतजार रहता है। कोऑर्डनैटर सौंपी गए कार्यों के साथ चल रहे हैं।निर्माण की तैयारियां पूरी करने को उत्सुक इंजीनियर व कर्मचारी।साकेत तैयार है..रजत जयंती समारोह में शामिल होने के लिए।

Related Articles

Back to top button