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नवज्योति श्री करुणाकर गुरु की प्राण प्रतिष्ठा दिल्ली शांतिगिरी आश्रम में आयोजित की गई।

“Manju”

नई दिल्ली: नवज्योति श्री करुणाकर गुरु की प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान आज सुबह नई दिल्ली के साकेत में शांतिगिरि आश्रम रजत जयंती मंदिरम के प्रार्थना कक्ष में हुआ। परम पावन शिष्यपूजिता अमृत ज्ञाना थापस्विनी, आश्रम गुरुस्थानीय ने हजारों भक्तों द्वारा गुरु मंत्र के जाप के बीच सुबह नौ बजे प्रार्थना कक्ष खोला। परमपावन ने लोगों के लिए पूजा करने और ध्यान करने के लिए ध्यान मंडप में गुरु के चित्र का अनावरण किया। शिष्यपूजिता ने भक्तों को उपदेश दिया कि गुरुमंत्र इस युग का सार्वभौमिक मंत्र है, और दुनिया के लोगों को जाति और पंथ के मतभेदों के बावजूद गुरु का पालन करना चाहिए। धार्मिक अनुष्ठान भक्तिमय वातावरण में संपन्न हुआ। शांतिगिरि आश्रम के जनरल सेक्रेटरी स्वामी गुरुरेथनम ज्ञाना थापस्वी, आश्रम के प्रेसिडेंट स्वामी चैतन्य ज्ञाना थापस्वी और कई अन्य संन्यासी और संन्यासिनियां दीप प्रज्ज्वलन समारोह के दौरान उपस्थित रहे।

शांतिगिरी आश्रम और संबंधित संस्थानों की स्थापना 2002 में दक्षिण दिल्ली में अधिग्रहित भूमि पर की गई थी जिसमें रजत जयंती मंदिरम बनाया गया है। पूर्व राष्ट्रपति के.आर. नारायणन, जो आश्रम के करीबी शुभचिंतक थे, की इच्छा भी रजत जयंती मंदिरम के समर्पण के साथ पूरी हो रही है। 12,000 वर्ग फुट की रजत जयंती इमारत में ग्राउंड फ्लोर पर प्रार्थना कक्ष, पहली मंजिल पर स्किल डेवलपमेंट ट्रेनिंग सेंटर, दूसरी मंजिल पर योग-वेलनेस सेंटर और तीसरी मंजिल पर इंटीग्रेटेड आयुष ट्रीटमेंट सेंटर होगा।शांतिगिरी आश्रम ने राष्ट्रीय राजधानी में संचालन के 25 वर्ष पूरे कर लिए हैं।

सांसद बिनॉय विश्वम ने आश्रम के आध्यात्मिक अनुष्ठानों के बाद आयोजित समर्पण समारोह का उद्घाटन किया। समारोह में विभिन्न सामाजिक एवं राजनीतिक क्षेत्रों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

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