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शांतिगिरि आश्रम दिल्ली चैप्टर ने मानवता की शानदार सेवा के 25 साल पूरे किए; नई दिल्ली के उपराज्यपाल श्री वी.के.सक्सेना ने आश्रम परिसर में साल भर चलने वाले रजत जयंती समारोह का शुभारंभ किया

“Manju”

नई दिल्ली, 17 नवंबर 2023: एक लोकप्रिय कहावत है “मानवता की सेवा ही ईश्वर की सेवा है”। यहीं पर नई दिल्ली के साकेत में स्थित शांतिगिरि आश्रम मानवता की सेवा कर रहा है और नई आशा और नए अवसरों के साथ कई लोगों के लिए आशा की किरण बनकर आया है, दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने आज यहां कहा।. शांतिगिरि आश्रम की साकेत शाखा आध्यात्मिक गतिविधियों के अलावा अनेक सांस्कृतिक और समग्र स्वास्थ्य गतिविधियों में सक्रिय हैं।

यह ब्रांच विशेष रूप से उत्तर और उत्तर-पूर्व भारत के क्षेत्रों में कौशल विकास और सार्वजनिक स्वास्थ्य के द्वारा सामूहिक प्रगति के कार्यों में भी सक्रिय है। इसके अंतर्गत आदिवासी युवाओं को रोज़गार देना शामिल है।

शांतिगिरी आश्रम के दिल्ली चैप्टर के साल भर चलने वाले रजत जयंती समारोह का आज शाम शुभारंभ करते हुए मुख्य अतिथि और नई दिल्ली के उपराज्यपाल श्री वी के सक्सेना ने कहा कि हम आज 25 वर्षों की एक उल्लेखनीय यात्रा को चिह्नित कर रहे हैं, जिसके दौरान आश्रम की इस शाखा ने आध्यात्मिक ज्ञान के साथ साथ इस देश के युवाओं को सशक्त बनाने के लिए कौशल विकास पद्धति शुरू की। इसके अलावा सिद्ध और आयुर्वेद प्रथाओं को अपनाकर दिल्ली और उत्तरी भारत की सेवा की है।

शांतिगिरि आश्रम ने आश्रम के संस्थापक गुरु नवज्योति श्री करुणाकर गुरु द्वारा निर्धारित सिद्धांतों को लगातार बरकरार रखा है। अन्नदानम, आतुरसेवनम और आत्माबोधनम के तीन माध्यमों के द्वारा आध्यात्मिकता और सांस्कृतिक सद्भाव का वैश्विक प्रतीक बनाया है। देश के उज्जवल भविष्य के लिए युवाओं और महिलाओं के सशक्तिकरण पर भी ध्यान केंद्रित किया है। आश्रम को नारी शक्ति का केंद्र बताते हुए उपराज्यपाल ने कहा कि अक्टूबर में विजयदशमी के दिन 22 ब्रह्मचारिणियों को संन्यास दीक्षा से सम्मानित किया गया था। आध्यात्मिकता के द्वारा यह नारी शक्तिकरण का उदहारण है जिस के लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोद ने आश्रम को अपनी शुभकामनाएं दीं।

उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता करते हुए केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री श्री वी. मुरलीधरन ने कहा कि शान्तिगिरि आश्रम कई दशकों से अन्नदानम , आतुरसेवनम एवं आत्माबोधनम के द्वारा समाज सेवा कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का नारा ‘सबका साथ एवं सबका विकास’ इसी धारणा को प्रतिबिंबित करता है।

रजत जयंती समारोह के उपलक्ष्य पर स्वामी गुरुचंद ज्ञान तपस्वी, जननी शालिनी ज्ञान तपस्वी और जननी गुरुचंद्रिका ज्ञान तपस्वी पौधारोपण किया।. इस उपलक्ष्य पर भरतनाट्यम, कुचिपुड़ी और तराना नृत्य सहित विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे।


इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों की प्रतिष्ठित हस्तियों को सम्मानित किया गया। समारोह में सम्मिलित प्रमुख लोगों में थे श्री संदीप मारवाह, अध्यक्ष, एशियन एकेडमी ऑफ फिल्म एंड टेलीविजन, श्री बाबू पणिक्कर, राष्ट्रीय अध्यक्ष, अखिल भारतीय मलयाली एसोसिएशन, डॉ. जी.आर. किरण, डीन, मिडिल ईस्ट यूनिवर्सिटी, ओमान, श्री पी के डी नांबियार, राजनीतिक विश्लेषक और एम डी, फ्लैग्स कम्युनिकेशन, श्री सबीर तिरुमाला, अध्यक्ष, सिंदूरम चैरिटीज, श्री रघुनाथ के., अध्यक्ष, दिल्ली मलयाली एसोसिएशन और श्री एम.पी. सुरेश, जनरल सेक्रेटरी, धर्मसस्था मंदिर, पुष्प विहार।

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