KeralaLatestThiruvananthapuram

गुरु की दीर्घदर्शिता मुझ को शान्ति निकेतन से शान्तिगिरि ले कर आई: पश्चिम बंगाल राज्यपाल

“Manju”

पोतनकोड (तिरुवनंतपुरम): नवज्योति श्रीकरुणाकरगुरु का अनुभवातीत आत्मीयता का सिद्धांत एक महान नवोत्थान की शुरुआत है, पश्चिम बंगाल राज्यपाल डॉ. सी. वी. आनन्द बोस ने आज कहा। वह शान्तिगिरि आश्रम में २४वें नव ओलि ज्योतिर्दिनम् का उद्धघाटन कर रहे थे। हज़ारों सालों की यात्रा भी एक छोटे कदम से शुरू होती है। समकालीन समय में नवोत्थान की शुरुआत शान्तिगिरि के गुरु के द्वारा की गई है। यह कोई छोटी बात नहीं है, राज्यपाल ने कहा। गुरु का उद्देश्य लोगों को सत्य मार्ग की ओर लाना था। गुरु ने दुनिया को यह सिखाया कि गरीब की पहली ज़रूरत है भोजन, न कि आध्यात्मिक भाषण।

भारत में आज सबसे बड़ी मूल्य विकृति है कि परिवार की व्यवस्था को महत्व नहीं दिया जा रहा है। इस सोच में कि ‘वेस्ट इज़ बेस्ट ‘, हम पश्चिमी सभ्यता की अंधी नकल कर, अपने पारंपरिक मूल्यों को भूल रहे हैं। गुरु जानते थे कि संसार की भलाई तब ही संभव है जब इन तीन स्तरों पर मौलिक बदलाव लाया जाए: व्यक्ति, परिवार एवं समाज।तभी गुरु ने पारिवारिक जीवन पर ज़ोर दिया और इसके लिए अथक प्रयास किया और वह इस में सफल भी रहे, राज्यपाल ने कहा।

राज्यपाल ने अपना भाषण वलथोल की पंक्तियों से शुरू किया। यह गुरु की दीर्घदर्शिता ही है कि वह एक आम इंसान की तरह शांति निकेतन से शान्तिगिरि आए। अपने भाषण का अन्त उन्होंने मां के महत्व पर ज़ोर देते हुए किया। इसके लिए उन्होंने कई पौराणिक कथाओं, बाईबल और दूसरे किस्सों का ज़िक्र किया।

आश्रम प्रेजिडेंट स्वामी चैतन्य ज्ञान तपस्वी ने समारोह की अध्यक्षता की। जेनरल सेक्रेटरी स्वामी गुरुरत्नम् ज्ञान तपस्वी, माणिकल ग्राम पंचायत प्रेजिडेंट के. जयन, विकास एवं कल्याण समिति की अध्यक्ष आर. सहीरत बीवी और सिन्दूरम् चैरेटीज़ के अध्यक्ष सबीर तिरुमला ने भी सम्मेलन को संबोधित किया।

Related Articles

Back to top button