शान्तिगिरि आश्रम में 22 नई संन्यासिनियां; संन्यासी संघ की संख्या 126
पोत्तनकोड: 39वें संन्यास दीक्षा वार्षिकम के उपलक्ष्य पर कल शान्तिगिरि आश्रम में 22 ब्रह्मचारिणियों को गुरुस्थानीय अभिवन्द्या शिष्यपूजिता अमृता ज्ञान तपस्विनी से संन्यास दीक्षा प्राप्त हुई। प्रातः 9 बजे की आराधना के पश्चात सहकरण मंदिर के प्रार्थनापूर्वक वातावरण में संन्यास दीक्षा दी गई। एक-एक करके ब्रह्मचारिणियों ने शिष्यपूजिता के समक्ष चांदी का दीपक, कमल के फूल एवं नवधान समर्पित कर के गुरु की पाद पूजा एवं आराधना की। उसके पश्चात उन्हें शिष्यपूजिता से संन्यासी वस्त्र एवं नए नाम मिले। उनके संन्यासी वस्त्र धारण करने के बाद आश्रम जेनरल सेक्रेटरी स्वामी गुरुरत्नम् ज्ञान तपस्वी ने गुरु के द्वारा दिए गए उनके नए नामों की घोषणा की। यह नाम हैं:
कर्नाटक एस डी एम कॉलेज में पंचकर्म विभाग में पी एच डी शोधकर्ता रोज़ी नंदी – जननी गुरुप्रीति; जे एन यू, दिल्ली में अनुभाग अधिकारी शालिनी प्रुथी – जननी शालिनी; चार्टर्ड अकाउंटेंट, एक्सएक्सएल इंडिया कंपनी की पूर्व प्रबंधक, आश्रम की वित्त नियंत्रक गुरुचंद्रिका वी – जननी गुरुचंद्रिका, अमेरिकन हॉस्पिटल एंड हेल्थकेयर सॉफ्टवेयर कंपनी की निर्देशक वंदिता सिद्धार्थन – जननी श्रीवंदिता; अंग्रेजी साहित्य छात्रा वंदिता बाबू – जननी वंदिता, सिद्ध चिकित्सा अधिकारी डॉ.नीतू पी सी – जननी उर्मिला; वत्सला के.वी., जिन्होंने ब्रह्मचर्य के 25 वर्ष पूरे किए हैं – जननी धर्मवल्ली; माइक्रोबायोलॉजिस्ट जयप्रिया पी.वी.- जननी जयप्रिया, बीकॉम ग्रेजुएट और आश्रम वित्त विभाग कर्मचारी लिम्शा के- जननी गुरुस्तुति; सुकृता ए. केरल विश्वविद्यालय के कार्यवत्तम परिसर में एम.कॉम ग्लोबल बिजनेस ऑपरेशंस में स्नातकोत्तर कर रही हैं – जननी सुकृता; प्रसन्ना वी. शांतिगिरी मुद्रानालयम में कार्यरत हैं – जननी स्नेहजा ; कृष्णप्रिया, वनस्पति विज्ञान में स्नातकोत्तर – जननी गौतमी; बी. एड. छात्रा करुणा एस एस, अंग्रेजी साहित्य में स्नातकोत्तर – जननी करुणाश्री; आश्रमवासी आनंदवल्ली बी एम- जननी आनंदवल्ली; इडुक्की मूल निवासी स्वयंप्रभा बी एस- जननी स्वयंप्रभा; सिद्ध मेडिसिन की द्वितीय वर्ष की छात्रा पी.के. करुणा – जननी करुणादीप्ति; वायनाड निवासी मंगलावल्ली सी.बी. – जननी मंगलावल्ली; इडुक्की से प्रियंवदा आर.एस. – जननी प्रियंवदा, आलाप्पुष़ा की निवासी शाइबी एन- जननी अंबुजा; एर्नाकुलम की निवासी सजिथा पी.एस.- जननी पुष्पिता; वर्कला की निवासी अनीता एस – जननी अनीता और चेरथला निवासी रजनी आर.एस – जननी आत्मजा। उनके दीक्षा नाम के साथ ‘ज्ञान तपस्विनी’ शीर्षक जोड़ा जाएगा। चार संन्यासिनियां केरल के बाहर से हैं।
22 नए सदस्यों के शामिल होने के साथ, शान्तिगिरि संन्यासी संघ, गुरु धर्म प्रकाश सभा, की संख्या 104 सदस्यों से बढ़कर 126 हो गई है। दोपहर 12 बजे की आराधना के बाद पर्णशाला में संन्यास संघ एवं रक्षाकर्ता समिति की ओर से विविध समर्पण हुए। दोपहर एक बजे आयोजित सम्मान समारोह में आश्रम की प्रारंभिक महिला कार्यकर्ताओं को सम्मानित किया गया। समारोह में देश के विभिन्न हिस्सों से आए हजारों भक्तों और आध्यात्मिक, सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों के प्रमुख लोगों ने भाग लिया। शाम 6 बजे की आराधना के बाद दीप प्रदक्षिणा की गई । इसके साथ ही संन्यास दीक्षा वार्षिकम समारोह से संबंधित पिछले दस दिनों से चल रहे विशेष अनुष्ठान और प्रार्थनाएं संपन्न हुईं।